Hindi Motivational Story Of Buddha. मूल्य गुणों का होता है - Moral Mantra

Hindi Motivational Story Of Buddha. मूल्य गुणों का होता है

सभी इंसान दिखने में लगभग एक समान ही होते है सभी के दो हाथ है, दो पैर है और सभी के पास दिमाग है, फिर भी दुनिया में सभी को बराबरी की नजरो से नहीं देखा जाता।  स्पेशली काम के मामले में, कुछ लोगों को आठ घंटे काम करने का एक लाख रुपए महीना मिलता है तो कुछ लोग को सिर्फ दो समय का खाना। ऐसा क्यों ?


यह सवाल मेरे दिमाग में कई दिनो से था, किन्तु  कुछ दिन पहले जब मैं एक सैमीनार में गया था, तो मैंने वहां एक कहानी सुनी, जिससे मैंने समझा कि लोगो की कीमत शक्ल से नहीं बल्कि क्वालिटी से आंकी जाती है।

एक बार एक व्यक्ति अपने घर के लिए एक लाफिंग बुद्धा खरीदने के लिए एक दुकान में जाता है। दुकान में बहुत ही अच्छी सजावट थी। वहीँ एक कोने में शोकेश में उसे तीन लाफिंग बुद्धा दिखाई देते है वह आदमी उनके पास जाता है, पास जाते ही वह हैरान हो जाता है क्योंकि तीनों लाफिंग बुद्धा दिखने में एक जैसे थे और उनका कलर और साइज भी एक जैसा ही था, फिर भी तीनो के सामने लिखी कीमत अलग –  अलग थी। पहले के सामने 10 रुपए लिखा था, दूसरे के सामने 100 रुपए और तीसरे के सामने 500 रुपए।
उस व्यक्ति के मन में सवाल आता है कि जब तीनो दिखने में एक जैसे है और साइज भी बराबर ही है फिर भी तीनों की कीमत अलग – अलग क्यों है ? वह दुकानदार के पास जाकर पूछता है कि महोदय यह तीनो लाफिंग बुद्धा रंग, रूप, आकार मे एक जैसे ही है फिर भी तीनों की कीमत अलग – अलग क्यों है ?
दुकानदार उस व्यक्ति को लाफिंग बुद्धा के पास ले जाता है और पहले बुद्धा जिसके सामने 10 रुपए लिखा था, उसे उठाता है और उसके कान में एक तीली डालता है तीली उसके कान में जाती ही नहीं क्योंकि उसके कान बंद थे।
फिर दुकानदार दूसरा बुद्धा उठाता है और उसके कान में तीली डालता है जिसके सामने कीमत 100 रुपए थी तीली उसके एक काम से डालते ही उसके दूसरे कान से बाहर आ जाती है फिर दुकानदार तीसरा बुद्धा उठाता है जिसकी कीमत 500 रुपए थी , अब दुकानदार उसके कान में तीली डालता है, तीली डालते ही तीली सीधे उसके दिमाग में चली जाती है, फिर उसके दूसरे कान में तीली डालता है वह भी दिमाग में चली जाती है और फिर बाहर नहीं आती।
अब दुकानदार उस आदमी को समझाता है और कहता है – ” महोदय यह पहला बुद्धा जो आपने देखा जिसके कान ही बंद है इसको कोई बात सुनाई ही नहीं देती इसलिए इसकी कीमत सबसे कम 10 रुपए है, जबकि दूसरा बुद्धा जिसके कान खुले तो है पर यह आर – पार है, मतलब यह एक काम से सुनता है ओर दूसरे कान से निकाल लेता है इसलिए इसकी कीमत 100 रुपए है, जबकि तीसरा बुद्धा जिसकी कीमत 500 रुपए है यह बातें सुनता भी है और सुनकर उन बातों को हमेशा अपने दिमाग में रखता भी है इसलिए यह सब से ज्यादा मूल्यवान है।
खरीददार व्यक्ति सब समझ जाता है कि कीमत उनके आकार या रंग की नहीं बल्कि उनके गुणों की है और वह 500 रूपए वाला बुद्धा खरीद लेता है।
Moral –  इस तरह दोस्तों दुनिया में कई तरह के लोग होते है जिनमें से उन लोगों की कहीं पर भी ज्यादा वैल्यू नहीं होती है चाहे उन के काम में हो, उनके परिवार मे हूं या और कहीं, जो किसी की बात सुनते ही नहीं है। जबकि वह लोग जो दूसरो की बात को ध्यान में रखते है और उन पर मनन करते है वह दुनिया में सबसे ज्यादा कीमती होते है और सभी उनकी इज्जत करते हैं। इसलिए हमे ना सिर्फ हमारे रंग – रूप पर ध्यान देना चाहिए, साथ ही साथ अपने गुणों का विकास भी करना चाहिए।
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