Moral Story In Hindi To Help Others. अहंकारी घोड़ा - Moral Mantra

Moral Story In Hindi To Help Others. अहंकारी घोड़ा

Moral Story In Hindi To Help Others

एक व्यापारी था। जो अपने व्यापार के लिए गाँव- गाँव जाकर अपना माल बेचता था और उसके लिए उसने एक घोड़ा और एक गधा खरीदा।
व्यापारी खुद घोड़े पर बैठ जाता था और गधे पर सारा सामान लादकर गांव-गांव जा कर अपना माल बेचता था।

घोड़े को उसने ऊंची कीमत देकर ख़रीदा था इसलिए वह खुद घोड़े पर बैठता था और कोई भी सामान उस पर नहीं लादता था और उसका अधिक ध्यान रखता था।
एक दिन व्यापारी घोड़े पर चढ़कर किसी गांव में अपना माल बेचने जा रहा था। गधे पर बोझ लदा था , गधा कमजोर था और उस पर क्षमता से ज्यादा वजन लाद दिया गया था इसलिए वह बड़ी मुश्किल से आगे बढ़ पा रहा था।
फिर कुछ समय के बाद उसकी हिम्मत जवाब दे गई, तब उसने घोड़े से कहा – ” भाई इस वजह से तो मेरे प्राण निकल जायेंगे , तुम दया करके मेरा थोड़ा सा बोझ ले लो। मैं जीवन भर तुम्हारा आभारी रहूंगा।”
घोड़े ने घमण्ड भरे स्वर में कहा – ” यह तुम क्या बक रहे हो, हमने कभी भोज ढोया है जो आज तुम्हारे कहने पर ढोयेंगे, आज के बाद ऐसी बात दोबारा मत कहना।”
बेचारा गधा कुछ नहीं बोला और रोते-रोते आगे बढ़ने लगा और अंत में गिर पड़ा।
उसका एक पैर टूट गया। व्यापारी ने तुरंत गधे का सारा वजन घोड़े की पीठ पर लाद दिया और गधे को भी उसके ऊपर चढ़ा दिया। फिर घोड़े का सारा घमण्ड हवा की तरह निकल गया और घोड़ा सोच कर पछताने लगा कि काश! मैं गधे की बात मानकर उसका थोड़ा सा भार हलका कर देता। मैं उसकी थोड़ा सी सहायता कर देता तो बदले में मेरा ही भला हो जाता और मुझे इतना कष्ट भी नहीं उठाना पड़ता।
MORAL –  दोस्तों हमारे द्वारा की गई किसी की भी मदद एक दिन लौट कर हमारे पास मदद बनकर फिर आती है और हमारे द्वारा किसी को दी गई तकलीफ भी एक दिन तकलीफ बनकर हमारे पास आपस आती है अब चुनाव हमारा होता है कि हम किसी की मदद करें या किसी को तकलीफ में डालें।
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