December 27, 2015
Motivational Story In Hindi About Self Success. बताओ! चिड़िया जिन्दा है या मुर्दा
moral mantra for life
सभी गांव वाले अपनी – अपनी समस्याएँ उनके पास लेकर जाते और वह उनका निवारण करते।
उनकी प्रसिद्धि धीरे – धीरे आसपास के गांवों में भी फैलने लगी थी। अब दूर दूर से गांव वाले उनके पास आने लगे थे।
उसी गांव में दो लड़के रहते थे
वह दोनों ही बड़े शरारती थे। तपस्वी की बढ़ती हुई प्रसिद्धि उनको हज़म नहीं हो रही थी। उन दोनों ने सोचा क्यों ना तपस्वी को बदनाम किया जाए। दोनों एक योजना बनाते है। दोनों पास के जंगल से एक छोटी सी चिड़िया पकड़कर लाते है और योजना बनाते है कि हम शाम को जब बहुत भीड़ रहती है तब तपस्वी के आश्रम में जाएंगे और अपनी मुट्ठी में चिड़िया को पकड़कर भीड़ के सामने तपस्वी से पूछेगें कि बताओ यह चिड़िया जिंदा है या मुर्दा।
अगर तपस्वी जिन्दा बोलेगा तो हम मुट्ठी को दबाकर चिड़िया को मार देंगे और सबको कहेगें कि तपस्वी झूठा है , मरी हुई चिड़िया को जिन्दा बता रहा है। और अगर तपस्वी बोलेगा कि चिड़िया मुर्दा है , तो हम उसे छोड़ देंगे और वह उड़ जाएगी। दोनों ही स्थितियों में तपस्वी झूठा साबित हो जाएगा और गांव वालों के सामने हमारा मान भी बढ़ जाएगा।
दिनों ही प्लान के अनुसार चिड़िया लेकर शाम को तपस्वी के आश्रम जाते है। लोग तपस्वी बाबा को अपनी – अपनी समस्याएँ बता रहे थे।
उसी समय दोनों में से एक लड़का तपस्वी के पास जाता है और भीड़ के सामने जोर – जोर से तपस्वी से कहता है – ” तुम झूठे और पाखंडी हो। लोग कहते है तुम सब कुछ जानते हो, अगर ऐसा है तो बताओ बाबा, मेरी मुट्ठी में जो चिड़िया है वह जिन्दा है या मुर्दा ?”
तपस्वी अपनी आँखे बंद करते है और आँखे खोल कर मुस्कुराते हुए बोलते है – ” बेटा यह चिड़िया जिन्दा रहेगी या मुर्दा , यह तो तुम्हारे हाथ पर निर्भर करता है। तुम चाहो तो उसे दबाकर मार सकते हो या तुम चाहो तो उसे आजाद कर सकते हो।”
यह सुनकर सभी समझ जाते है कि चिड़िया की स्थिति उस लड़के के हाथों पर निर्भर करती है।
MORAL – 1. – हमारी आने वाली स्थिति क्या होगी , यह पूरी तरह से हम पर निर्भर करता है। जिस तरह चिड़िया उस लड़के के हाथो में थी उसी तरह हमारी लाइफ हमारे हाथों में होती है , हम चाहे तो अपना जीवन बहुत अच्छा बना सकते है और हम चाहे तो उसे बिगाड़ सकते है।
2. – कभी भी किसी दूसरे को नीचा या छोटा दिखाने के लिए कोई काम नहीं करना चाहिए नहीं तो आखिर में किर-किरि हमारी खुद की ही होती है।
2. – कभी भी किसी दूसरे को नीचा या छोटा दिखाने के लिए कोई काम नहीं करना चाहिए नहीं तो आखिर में किर-किरि हमारी खुद की ही होती है।
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About Author
Pavan Choudhary
Hi friends i have 8 years experience of marketing and sales from a sales executive to branch manager. i sale products , teach how to sale , build a team , lead a team and also manage sales office. so this is all about my experience know more about me in About us page .