समझदार हंस Motivational Moral Story For Children In Hindi - Moral Mantra

समझदार हंस Motivational Moral Story For Children In Hindi

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Motivational Moral Story For Children In Hindi
Motivational Moral Story For Children In Hindi

जंगल में एक बहुत ही बड़ा और विशालकाय पेड़ था। उस पेड़ पर कई सारे हंस रहते थे।  उनमें से एक हंस बहुत ही होशियार और समझदार था। वह हंस बुद्धिमान और दूरदर्शी था इसलिए सभी हंस उसका आदर करते हुए उसे ताऊ कहकर बुलाते थे। एक दिन उसने एक छोटी सी बेल के पेड़ के तने में नीचे निपटे हुए देखा। तुरंत  दूसरे हंसो को बुला कर कहा –  ” इस बेल को नष्ट कर दो , एक दिन यह बेल हम सब को मौत के मुंह में ले जाएगी। ”  

एक युवा हंस हंसते हुए बोला – ” यह छोटी-सी बेल हमें कैसे मौत के मुंह में ले जा सकती है। “
समझदार हंस ने समझाया – ” आज यह हमें छोटी सी लग रही है पर कुछ समय बाद यह पेड़ के सारे तने में लपेटा मारकर ऊपर तक आ जाएगी फिर बेल का तना मोटा हो जाएगा और पेड़ से चिपक जाएगा , तब नीचे से ऊपर तक पेड़ पर चढ़ने के लिए किसी को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और कोई भी शिकारी  इस बेल के सहारे चढ़ कर हम तक पहुंच जाएगा और हम सभी फस जाएंगे। “
दूसरे हंस को यकीन नही आया कि एक छोटी सी बेल कैसे सीढ़ी बन कर हमारी मौत का कारण बन सकती है।  तीसरा हंस बोला – ” अरे ताऊ तुम तो एक छोटी सी बेल से डर गए और इस बेल को खींचकर लंबा कर रहे हो। ” उनमें से एक हंस बड़ बड़ाया कि ताऊ अपनी अकल का रोब  डालने के लिए अंड-संड कहानी बना रहे हैं। “
इस प्रकार किसी भी हंस ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया इतनी दूर तक देख पाने की उनमें अक्ल कहां थी। समय बीतता रहा बेल धीरे – धीरे ऊपर शाखाओ तक पहुंच , गई बेल का तना मोटा होना शुरू हुआ और सचमुच ही पेड़ के तने पर बेल से सीढ़ियां बन गई। सबको ताऊ की बात में सच्चाई नजर आने लगी , पर अब कुछ नहीं किया जा सकता था क्योंकि बेल इतनी मजबूत हो गई थी कि उस को हटाना या नष्ट करना हंसो के बस की बात नहीं थी। 
एक दिन जब सब हंस दाना चुगने बाहर गए थे तब एक शिकारी उधर आ निकला। उसने पेड़ पर बनी बेल के सहारे ऊपर चढ़कर जाल बिछाया और चला गया।  शाम को सारे हंस लौटे पेड़ पर उतरते ही शिकारी के जाल में बुरी तरह फस गए। जब वह जाल में फस गए और पढ़ पढ़ाने लगे तब उन्हें ताऊ की बुद्धिमानी और दूरदर्शिता का पता लगा। सभी ताऊ  की बात ना मानने के लिए लज्जित थे और अपने आप को कोस रहे थे। ताऊ सबसे रुष्ट था और चुप-चाप बैठा था। 
एक हंस ने हिम्मत करके कहा – ” ताऊ हम मुर्ख हैं लेकिन अब हम से मुंह मत फेरो। ” 
दूसरा हंस बोला – ” इस संकट से निकलने की कोई तरकीब आप ही हमें बता सकते हैं , आज हम आपकी बात नहीं टालेंगे। ” 
सभी हंसो ने हामी भरी और ताऊ से अनुरोध किया।  
ताऊ ने उसने कहा – ” मेरी बात ध्यान से सुनो सुबह जब शिकारी आएगा तब सभी हंस मुर्दा होने की नाटक करना। शिकारी तुम्हें मुर्दा समझकर जाल से निकाल कर जमीन पर रखता जाएगा। वहां भी मरे समान ही पड़े रहना। जैसे ही वह अंतिम हंस को नीचे रखेगा मैं सिटी बजाऊंगा , मेरी सिटी सुनते ही सब उड़ जाना। “
सुबह शिकारी आया हंसो ने वैसा ही किया जैसा ताऊ ने समझाया था सचमुच शिकारी सबको मुर्दा समझकर जमीन पर पटकता गया। सिटी की आवाज के साथ ही सारे हंस उड़ गए। शिकारी अचंभित हो कर देखता रह गया। 

Moral Manta – हमेशा ही हमें हमसे बड़े और समझदार लोगों की बात माननी चाहिए नहीं तो उसका परिणाम आगे चलकर हमें ही झेलना पड़ता है। और अगर गलती से किसी मुसीबत में फस जाए तो अपने से समझदार और अनुभवी लोगों की मदद लेना चाहिए। 

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