आज की दुनिया में ज्यादातर लोग हर चीज का short cut ढूंढते हैं वह चाहे exam में पास होना हो या फिर अमीर बनने हो या फिर किसी भी जगह success होना हो लेकिन short cut हमें आलसी बनाता है और हमारी क्षमता को भी कम कर देता है इसी बात पर आधारित है सुनहरी चिड़िया की कहानी –
जंगल में एक पगडंडी रास्ते के पास एक पेड़ था, उस पेड़ पर एक सुनहरी चिड़िया रहती थी। वह चिड़ियां हर दिन सुबह उठती थी और दाना चुगने के लिए जंगल में चली जाती थी। पूरे दिन वह हर जगह दूर-दूर तक जाकर अपना पेट भरती और शाम को अपने घोंसले में वापस आ जाती थी।
एक दिन सुबह उसे उठने में देरी हो गई, जब वह सुबह उठी तो सूरज निकल चुका था। अब वह दाना लेने के लिए जाने की तैयारी करती है, तभी उसको एक आदमी दिखाई देता है, जो उस पगडंडी से होते हुए पेड़ के नीचे से निकलता है। उसके सिर पर कपड़े से ढकी हुई एक टोकरी थी, जिसमें बहुत से दाने थे। चिड़िया सोचती है कि इतने दाने अगर मुझे मिल जाए तो रोज भर पेट दाना चुग सकती हूं और वह भी बिना मेहनत किए। यह सोचते हुए काफी समय बीत जाता है। अब उसे तेज भूख लगती है और वह दाना लेने उड़ती है, जगह-जगह दाना तलाशती है। अब उसे रोज का दाना ढूंढने का काम बड़ी मेहनत का काम लगने लगा , वह सोचती है किसी तरह मुझे उस किसान के दाने मिल जाए तो मुझे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
इसी बेचैनी में वह उस दिन जल्दी लौट आती है, कुछ देर बाद उसे वही आदमी वापस जाते हुए दिखाई देता है, लेकिन उसकी टोकरी में दानो की जगह कुछ और सामान था।
चिड़िया उस किसान के पास जाती है और पूछती है – ” आज सुबह जो दाने तुम ले गए थे वह कहां है ? “
किसान – ” मैंने शहर जा कर दुकानदार को दिए और उसने बदले में मुझे कुछ सामान। मै हर हफ्ते एक शहर जाता हूं।”
चिड़ियों – ” मैं पूरे दिन बड़ी मेहनत करती हूं पर फिर भी मुझे कुछ ही दाने मिलते हैं तुम मुझे दाने दे दो।”
किसान – ” पर बदले में मुझे क्या मिलेगा ? “
चिड़िया – ” मेरे पास तो कुछ भी नहीं है मैं क्या दे सकती हूं ?”
किसान – ” तुम्हारे पास तुम्हारे सुनहरे पंख है , जो बहुत खूबसूरत है। तुम मुझे पंख दे देना और बदले में सारे दाने ले लेना।”
चिड़िया अगले हफ्ते का बेसब्री से इंतजार करती है। अगले हफ्ते किसान आता है और दोनों की टोकरी के बदले में बहुत से पंख ले लेता है।
अब चिड़ियां का कई महीनों का दाना आ गया था। वह रोज भर पेट खाना खाती और अपने घोंसले में रहती।
कुछ महीनो बाद उसके दाने खत्म हो जाते हैं और उसके पास दानों के बदले देने के लिए पंख भी ज्यादा नहीं थे।
अब वह दाना ढूंढने के लिए उड़ती है लेकिन अपने बहुत से पंख किसान को दे देने और बहुत दिनों तक नहीं उड़ने के कारण वह कुछ ही दूर जाकर थक जाती है और जमीन पर गिर जाती है। उसे चोट भी लगती है।
कुछ देर बाद वह फिर उड़ने का प्रयास करती है तो फिर गिर जाती है और इस तरह वह कोशिश करते-करते तड़प-तड़प कर मर जाती है।
MORAL – दोस्तों भले ही short cut हमें कुछ देर के लिए सही और फायदेमंद लगता है लेकिन यह होता बहुत ही नुकसानदायक है और हमेशा ही हमारे लिए long cut साबित होता है। कभी भी short cut का परिणाम लंबे समय तक नहीं चल सकता।
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Pavan Choudhary
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