Safalta Ka Raaj Motivational Story In Hindi. सफलता का राज - Moral Mantra

Safalta Ka Raaj Motivational Story In Hindi. सफलता का राज

safalta ka raaj in hindi
 एक बहुत ही ज्ञानी महात्मा थे । जो हमेशा ही लोगोँ को अच्छा जीवन कैसे जीएँ , अपनी समस्याओं से कैसे निपटना है , जिवन मेँ सफल कैसे होते है। आदि बातो पर बहुत ही प्रभावशाली उपदेश देते थे। एक बार महात्मा उनके आश्रम मेँ लोगोँ को उपदेश देते है। उपदेश के बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले जाते है परंतु
एक व्यक्ति वही बैठा रहता है। कुछ देर बाद जब महात्मा अपनी कुटिया से बाहर आते है तो देखते है कि एक आदमी अभी भी पांडाल मे बैठा है ओर बडा चिंतित नजर आ रहा है।
 महात्मा उससे पूछते है – ” क्या बात है बेटा ? तुम अभी तक घर नही गए हो ।” 
वह आदमी बोलता है – ” गुरूजी मैंने आपके आपके कई उपदेश सुने है ओर उनको अमल मे भी लाया परंतु कई बार प्रयास करने के बाद भी मे अपने काम मेँ बार-बार  असफल हो जाता हूँ । मैं सफल होना चाहता हूँ , कुछ उपाय बताइए । ” 
महात्मा कहते है – ” मैं  तुम्हें सफलता का उपाय बताऊँगा इसके लिए तुम्हें  कल सुबह 6 बजे आश्रम पास वाली नदी पर आना होगा । “
 आदमी चला जाता है । और अगले दिन सुबह 6 बजे नदी पर जाता है । महात्मा कहते है – ” आवो हम स्नान करते है।”
 वह आदमी कहता है – ” मैं यहां सफलता का राज जानने आया हूँ और आप मुझे स्नान करने का कह रहे है । 
महात्मा कहते है – ” तुम्हें तुम्हारा उपाय यहाँ जरूर मिलेगा ।”
 व्यक्ति महात्मा के साथ नदी मेँ जाता है । महात्मा गहरे पानी मेँ ले जाते  हैं  अब उनकी गर्दन तक पानी आ जाता है।  तभी महात्मा उस व्यक्ति को के सर को पकड़ कर पानी मेँ डुबो देते व्यक्ति  छुड़ाने की कोशिश करता है और तडपने लगता है। जब वह बहुत तडपना शुरु कर देता है तो महात्मा उसे छोड़ देते है।  वह आदमी पानी से बाहर आकर जोर – जोर से सांस लेना शुरु करता है ओर चिल्लाते हुए नदी से बाहर निकलता है –  ” तुम दुष्ट हो , तुम मुझे मारना चाहते हो।  तुम्हें जवाब नहीँ देना था तो न देते पर मुझे मारना क्या चाहते हो ? ” महात्मा भी डुबकी लगाकर नदी से बाहर आते है और कहते है – ” यही तुम्हारी सफलता का राज है। ” 
” कैसे ” वह आदमी पूछता है। 
महात्मा उस आदमी से पूछते है – ” जब तुम पानी मेँ थे तो तुम्हे क्या कोई दुनिया वाले याद आ रहे थे ? अपनी बीवी , बच्चे , दोस्त , यार या ओर कोई। “
व्यक्ति बोलता है – ” मुझे कोई याद नहीँ आया। मुझे तो सिर्फ हवा चाहिए थी। जिसके लिए कुछ भी कर सकता था। ” 
महात्मा कहते है – ” यही सफलता का राज है बेटा। “
” जिस तरह तुम्हें  हवा के अलावा कुछ ओर याद ही नहीँ रहा। चाहे वो तुम्हारे  माता – पिता हो , घरवाले हो या दोस्त –  यार। उसी तरह उसी तरह जब कोई किसी भी क्षेत्र मेँ उसी तरह से तीव्र इच्छा के साथ अपनी सफलता के लिए काम करता है  तो उसे दुनिया की कोई भी ताकत सफल होने से नहीँ रोक सकती। तू भी जा और इसी तरह तीव्र इच्छा  के साथ अपने काम मेँ लग जा तू  जरुर सफल होगा। “
कुछ सालोँ मेँ हुए व्यक्ति एक बहुत बडा businessman बन जाता है और महात्मा को सफलता के राज के लिए धन्यवाद  देता है। 

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