Mandir Ki Murti Motivational Story In Hindi. मंदिर की मूति॔ बोली - Moral Mantra

Mandir Ki Murti Motivational Story In Hindi. मंदिर की मूति॔ बोली

एक मंदिर में रात में जब कोई नहीं होता है तो मंदिर के पत्थर आपस में बात करते है।  जमीन पर फर्स में लगा पत्थर दीवार में लगे पत्थर को कहता है ” तेरा नसीब अच्छा है कि तु दीवार में लगा है,देख मेरे ऊपर रोज ना जाने कितने लोग चढ़ते है किसी के पैर गंदे होते है , तो किसी के पैरों से मोज़े की बदबु आती है पर तु तो एक तरफ रहता है , तेरे ऊपर कोई नहीं चढ़ता है। “

दीवार पर लगा पत्थर जवाब देता है – ” मेरा नसीब कहाँ अच्छा है ! कई सारे लोग आते है तो दीवार में मुझ पर पैर लगा कर खड़े हो जाते है। कई लोग प्रसाद खाने के बाद अपने झुठे हाथ मुझसे पोंछ देते है और मेरे बाहर की और कई लोग मेरे ऊपर urine  तक कर लेते है। हम दोनों से ज्यादा अच्छी किस्मत तो इस मुर्ति बने पत्थर की है जो सभी लोग रोज इसे नहलाते है , दुध और मिठाइयाँ चढ़ाते है और इसकी पुजा करते है। “

यह बातें मुर्ति बना पत्थर सुन रहा होता है। तभी मुर्ति वाला पत्थर बोलता है – ” दोस्तों मैं कहाँ नसीब वाला  ( LUCKY ) हुँ ? नसीब वाले तो तुम थे।  याद करो जब इस मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था तो शिल्पकार ने सबसे पहले इस फर्श बने पत्थर को मुर्ति बनाने के लिए चुना था , शिल्पकार ने जब अपना छीनी – हथोड़ा लिया और इसे आकर देना शुरू किया तो यह थोड़ा सा भी दर्द सहन नहीं कर सका और कुछ ही देर में छोटे – छोटे टुकड़ो में बिखर गया , इसलिए इसे शिल्पकार ने फर्श में लगाने का सोंचा फिर शिल्पकार ने मुर्ति के लिए दीवार वाले पत्थर को चूना था , मैं तो दुर पड़ा देख रहा था। उसने जब तुमको आकर देना शुरू किया तो तुमने थोड़ा दर्द सहा पर अगले दिन तुम भी बड़े – बड़े टुकड़ो में टूट गए।  फिर शिल्पकार ने तुम्हे दिवार में लगाने का सोंचा।  और तुम दोनों के बाद जाकर मेरा नंबर आया , जब शिल्पकार ने मुझे मुर्ति का आकार देने के लिए छीनी और हथोड़ा लिया ओर मुझे मारना शुरू किया तो मुझे भी दर्द बहुत हुआ , मैं कई हफ्तों तक दर्द सहता रहा तब जाकर मै मुर्ति बना।  मेरा भी मन टुटने का हुआ पर मैं टुटा नहीं इसलिए मै मुर्ति बना ओर मेरी पुजा होती हैं और होती रहेंगी। मुझसे ज्यादा LUCKY तो तुम दोनों थे जो तुम्हे मुझसे पहले अवसर मिला पर उस मौके को तुम लोगोँ ने गवां दिया। 
MORAL – जब हम कोई बड़ा या महान काम करने निकलते है तो उसके पुरे होने तक कई problem आती है जो इन problem से लड़ कर इनको पार कर जाता है वह दुनिया में जाना जाता है और जो टुट जाता है या problem से लड़ नहीं पाता वह कभी success नहीं हो पाता। आख़िर सफल वही होता है जिसका  इरादा  मजबुत होता है। ” because no pain no gain. ”
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