Murga Bana Baaz Motivational Story In Hindi. मुर्गा बना बाज

एक मिट्टी के टीले पर ऊंचाई पर बाज का घोंसला था , जिसमे उसके अंडे थे। बाज पूरे दिन अपने लिए खाना लेने बाहर जाती और फिर आकर अपने अण्डों पर बैठ कर उन्हे गरम करती ।
एक दिन जब बाज खाना लेने गई थी तभी एक बाज के एक अंडे से बच्चा निकलता है और वह इधर उधर हिलने लगता है , उसकी हलचल से उसके पास का एक दूसरा अंडा घोसले से लुडक जाता है और लुडक कर उस टीले के नीचे , जहाँ एक मुर्गी का घोंसला था उस घोसले मे आ जाता है।

जहां मुर्गी के तीन अन्डे थे।
अब हर रोज की तरह मुर्गी भी अपना दाना चुगने के बाद अपने घोंसले मे आती है और बिना ध्यान दिए की कितने अण्डे है उन पर उन्हें गर्म करने के लिए बैठ जाती है। कुछ दिनोँ के बाद सभी अण्डों से एक – एक करके बच्चे बाहर आते है। मुर्गी रोज दाना लाती है और अपने बच्चो को देती है जिसमे एक बाज का बच्चा भी था। धीरे धीरे बच्चे बड़े होते है। अब मुर्गी अपने बच्चोँ को रोज self depend बनाने के लिए उन्हें फुदक – फुदक कर कर चलना सिखाती है और सभी बच्चे मुर्गी के पीछे – पीछे फुदक – फुदक कर चलते है। जिसमे बाज का बच्चा भी था।
एक दिन बाज का बच्चा अपनी मुर्गी माँ से पूछता है – ” मम्मी यह जो ऊपर दूर आसमान मे हमारे जैसे ही उड रहे है यह कौन है ? और हम ऐसे क्योँ नही उडते ?”
ऊपर उठने वाले बाज जो कि उसके भाई बहन और माँ थे , उन्हें देख कर मुर्गी फैमिली का बाज़ पूछता है।
मुर्गी माँ बोलती है – ” बेटा वह दूसरी प्रजाति के है वह आसमान मेँ दूर – दूर तक उड़ सकते है। हम वैसे नहीं उड़ सकते।”
यह कह कर सभी अपना दाना चुगना शुरू कर देते है। पर बाज का बच्चा जोकि मुर्गी के साथ था उसके मन मे रोज टीले पर से बाजो को उड़ते देख यह सवाल आता है कि हम ऐसा क्योँ नही उड़  सकते।
एक दिन सुबह सुबह मुर्गी फैमिली का बाज टीले  पर से दूसरे बाजो को उड़ान भरते देखता है। सभी टीले से कूदते है , अपने पंख फैलाते है और उड़ते हुए दूर आसमान मे चले जाते है।
यह देखकर बाज का बच्चा अपनी मुर्गी माँ से कहता है – ” माँ देखो वह उड़ कर जा रहे है , ऊपर आसमान से दुनिया कितनी अच्छी लगती होगी ?”
” हम भी टीले पर चलकर प्रयास करते है। “
मुर्गी माँ बोलती है – ” बैटे प्रयास करने से कोई मतलब ही नहीँ , हम नही उड़ सकते। उल्टे हमें  चोट लग जाएगी।”
यह सुनकर बाज चुप हो जाता है और सभी दाना चुगने चल देते है ।
एक दिन बाज सुबह जल्दी उठता है और फिर अपनी बाज की फैमिली उड़ान भरते देखता है।
और बिना अपनी मुर्गी फैमिली को बताएँ टीले पर चढ़ जाता है , और वहाँ से जिस तरह उसने बाजो  को उडते देखा था। उसी तरह बिना डरे टीले से कूदता है , अपने पंख फैलाता है और थोड़ा प्रयास करता है और वह भी उड़ना शुरु कर देता है।
अपने आप को उड़ता देख वह खुश हो जाता है। ऊपर उड़ रहे बाजो को देखता है और थोड़ा तेज पंख हिलाकर ऊपर उड रहे बाजो के पास जाने का प्रयास करता है।और कुछ ही देर मे वह उस झुंड मे पहुंच जाता है।
यह देख दूसरे बाज पूछते है – ” अरे तुम तो हमारी प्रजाति के हो तुम उन मुर्गो मे इतने दिनो से क्या कर रहे थे ?”
मुर्गे फैमिली का बाज कहता है – ” मुझे तो पता ही नही था कि मेरे अंदर भी आप जितनी क्षमता है। मै रोज आप सभी को उड़ते देखता था। आज मैने  प्रयास किया और मै भी यहाँ तक पहुंच गया।”
यह बात करते हुए सभी उड़ते – उड़ते दूर आसमान मे निकल जाते है।

 
Moral – दोस्तो बहुत से लोग जिनके अंदर भी ना जाने कितनी क्षमता होती है। कई बार अपने आसपास के लोगो को फुदक – फुदक कर चलता या जीता देख वह भी उसी तरह चलते है और जीवन गुजारते है और यह मान लेते है कि उनके अंदर वह क्षमता नही जो दूसरे लोगो मे है। किंतु उनमे से कई लोग जिनका ऊंचाइयोँ को छूने का सपना होता है।उस माहौल , उस जगह से निकलने का प्रयास करते है और एक दिन वह उन ऊंचाइयों पर पहुंच जाते है जहाँ वह जाना चाहते थे।
आप दुनिया के लगभग सभी successful  व्यक्तियोँ की जीवनी पढ़ कर देख ले चाहे Dhirubhai Ambani हो या Lakshmi Mittal या Bill Gates या फिर निरमा पाउडर के मालिक Karsan bhai Patel। इन्होंने अपने आपको उन  परिस्थितियोँ से बाहर निकालने का पुरजोर प्रयास किया जहाँ वह थे , और वह आज दुनिया के चमकते सितारो मे गिने जाते है।जबकि बहुत से लोग ऐसे होंगे जिनके मन मेँ इस बाज की तरह आसमाँ की ऊंचाइयोँ को छूने की इच्छा तो होती है पर वह पूरा प्रयास ही नहीँ करते और जीवनभर मुर्गो की तरह फुदक – फुदक कर जीते रहते है।
अपनी क्षमताओं को पहचाने और प्रयास कर और करते रहे। सफलता आपके कदमो मे होगी।
शिवखेड़ा जोकि self-help and activist पर लोगोँ को motivate मोटिवेटकरने के लिए किताब लिखते हैँ उन्होंने  अपनी पुस्तक जीत आपकी मेँ एक जगह कहा है –
  ” जीतने वाले कोई अलग काम नहीँ करते, वह उसी काम को अलग तरीके से करता है।” 
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