Dada Pote Ki Motivational Story in Hindi. लोग हमेशा कुछ न कुछ कहेंगे.

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एक बार एक दादा और पोता एक गाँव से दूसरे गाँव जा रहे थे , उनके साथ एक गधा भी था , तीनो पैदल जा रहे थे।  
गाँव के चौपाल पर कुछ लोग बैठे थे। उन्हे जाता देख वह आपस में बात करने लगे ,”देखो क्या लोग है! गधे के होते हुए भी पैदल चल रहे है। ” यह सुनकर दादा ने सोचा पोते को गधे पर बैठा दे। पोते को बैठा कर वह आगे बड़े , कुछ दूर जाकर और लोग मिले वह आपस में बात करने लगे ,” देखो क्या जमाना आ गया है, बेचारा बूढ़ा दादा पैदल चल रहा है, और young पोता गधे पर बैठा है। “यह सुन पोते को अच्छा नहीं लगा।

उसने कहा “अब आप बैठ जाइये दादाजी, मै पैदल चलता हुँ ” फिर दादा गधे पर बैठ गए और पोता पैदल चलने लगा। कुछ दूर जाकर और लोग मिले वह आपस में बात करने लगे “देखो क्या आदमी है , बूढ़ा हो गया पर अक्ल नहीं आई , देखो बेचारा बच्चा पैदल चल रहा है, और यह आराम से गधे पर बैठा है। ” यह सुन कर दादा और पोते दोनों को अच्छा नहीं लगा, अब दोनों ही गधे पर बैठ कर चलने लगे।
अगले चौराहे पर फिर कुछ लोग बैठे मिले , तीनो को जाता देख वह आपस में बात करने लगे ,” देखो क्या कलयुग आ गया है , ये लोग बेचारे गधे की जान ही ले लेंगे।”तो बताओ दोस्तों दादा और पोते क्या करते ?
उसी तरह हम हमारी लाइफ में जो भी काम करे ! लोग कुछ न कुछ तो कहेंगे , जिस तरह आप ने सुना भी होगा कि , पहली बार जब पानी को बोतल में बेचने का ख्याल किसी के मन में आया था तो उसको लोगो ने बोला था कि पानी कौन खरीदेगा वह तो free में मिलता है ,
 पर आज लगभग सभी लोग पानी की बोतल खऱीद कर पीते है। और यह आज बहुत बड़ा business है।
 इसलिए हमें हमेशा अपने काम पर focus करना चाहिए।

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