kalpanao ke rang in hindi. कल्पनाओं के रंग

आज बच्चे, युवा, बड़े हर किसी की कल्पनाओं को एक नया रंग दे रहे है. जैसे रंगो की दूनिया में बच्चो की खुशियाँ दुगुनी हो जाती हैं ……..और हो भी क्यों न ! उनकी कल्पनीओं,  प्रतिभा , विचारों और शौंको को एक खुला आकाश जो मिलता है  फिर चाहे क्राफ्ट हो या क्ले, बच्चे उसमें मदमस्त हो जाते हैं.
नीरा को बहुत मुश्किल होता था, घर और जॉब मे तालमेल बिठा पाना, उसके मन में हमेशा रहता था कि वो सिलाई सीखे, एक दिन
उसने निर्णय लिया कि जॉब व घर से टाइम निकालकर सिलाई सिखेगी, कुछ टाइम बाद वो सिलाई मे़ं निपुण हो गई, फिर क्या , उसके सपनों को उडान मिल गई, अब वो संतोषभरा जीवन जी रही हैं.
कई बार कुछ वर्षो बाद हमें धीरे-धीरे महसुस होने लगता है कि ये काम वो है ही नही जिसे हम करना चाहते है. दफ्तर में कलम घिसाई से ज्यादा मन तो एक्टिंग में लगता है, जितनी कुशलता से हाथ आॉपरेशन करते है, उससे ज्यादा सुघड़ता तो पेंटिंग में दिखती है.
पहले यह लोगो में धारणा भी रहती थी कि एक बार जो प्रोफेशन चुन लिया, जिंदगीभर उसी के लिए काम करना है, परन्तु ग्लोबलाइजेशन के इस युग में मिलने वाले नए-नए अवसर व बढ़ती प्रतिभाओं  के कारण प्रोफेशन बदलने वालो की संख्या भी बढ़ रही है.

कहते है पढ़ने लिखने व कुछ सीखने  की कोई उम्र नही होती, लेकिन हर कोई के जिंदगी के साथ ऐसा नहीं है. हमारे जिंदगी में प्रोफेशन से जुड़े निर्णय कभी हमें कामयाबी के शिखर पर पहुँचा देते है, तो कभी असंतुष्ट भाव से जीने को मजबुर कर देते है. अतः यह सोचना बहुत जरूरी हो जाता है कि सहीं और सार्थक निर्णय कब लिया जाए.

सोच- समझकर निर्णय ले -:
मन का विचार, या युं कहे कि कल्पनाओं को जब हकीकत में करने की सोचें तो ऐसे निर्णय लेते समय दिमाग में  प्रश्नो की कोलाहल मचा होता हैं. क्या यह सहीं फील्ड है ? नयें काम में परेशानी आई  तो ?   क्यों न जैसे चल रहा है वैसे  चलने दू ?…. और आप कश्मकश में घिर जाते है, यह गलत है. शातिं से, ठंडे दिमाग से अपने विचारों का निरपेक्ष  भाव से अवलोकन कीजिए और सोंच-समझकर निर्णय लीजिए, जिससे बाद में पछताना न पड़े. अपनी अंतंरात्मा की आवाज को अनसुना न करे. यदि आप अपने  प्रोफेशन से खुश नही है तो इसका असर आपके दिलो- दिमाग पर तो होगा ही, आपके स्वास्थ्य पर भी होगा. मन की बेचैनी, कुढ़न, चिड़चिड़ापन और गुस्से के रुप में आपके व्यवहार से तो झलकेगी जो दूसरो को भी परेशान करेगी. आप भी इससे बच नही पाएंगे. हो सकता है, आप डिप्रेशन के शिकार हो जाए. बेहतर इसी में है कि अनचाहे लाइफ स्टाइल से अच्छा उसे बदल दिया जाए परन्तु कब…….. यह निर्णय आपको लेना है.
ध्यान रहे, अपने सपनो को उड़ान भरने के समय आपको कड़ी मेहनत करनी होगी, ज्यादा समय देना होगा, जागरूक भी रहना होगा. कई बार निराशा के पल भी आएंगे, पर उन्हे अपने पर हावी नही होने देना है. पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े तो लक्ष्य तक अवश्य पहुँचेंगे, फिर आपकी अलग पहचान होगी. अपने कल्पनाओं के निखरा हुआ रंग से आपके जीवन में होगी खुशियॉ और आत्मसन्तुष्टि।

कहानी लेखक 
Maneesha Madaria
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हाथ की ताकत
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