Swami Vivekananda Motivational Quotes in Hindi . स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन

 Swami Vivekananda Quotes in Hindi

स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन 

1. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।
(स्वामी विवेकानंद) 
 

2. जिस काम में तुम्हारी आस्था हैं वही काम तुमको सफलता देगा।

Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद)

 
3. किस्मत से या भगवत इच्छा से कोई गरीब नहीं होता , अपने कर्म से ही मनुष्य गरीब होता है।
– (स्वामी विवेकानंद)
4. पवित्र और दृढ़ इच्छाशक्ति सर्वशक्तिमान है। 
 (स्वामी विवेकानंद)
 
5. किसी भी बात पर वाद – विवाद बढ़ा कि मन का संतुलन समाप्त हुआ।
–  (स्वामी विवेकानंद)
 
6. ग्रह – दशा का रोना क्यों रोते हो।, अपने कर्म  देखो।
Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद) 
 
7. जिसे  अपने आप पर विश्वास नहीं उसे भगवान पर भी विश्वास नहीं हो सकता।
–  (स्वामी विवेकानंद) 
 
8. अपने कार्य द्वारा तुम भी कोई चमत्कार कर सकते हो।
Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद)
 

9. ज्ञान ही शक्ति है।

–  (स्वामी विवेकानंद) 
 
10. शक्ति ही जीवन , परम सुख है , जीवन अजर -अमर है।
Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद)
 

11. शिशु ऊपर से दिखने  सभी पर आश्रित है , किन्तु वस्तुतः वही सम्पूर्ण परिवार का सम्राट होता हैं।

–  (स्वामी विवेकानंद)
 

12. मनुष्य में जो सम्पूर्णता गुप्त रूप से विद्यमान है , उसे प्रत्यक्ष करना ही शिक्षा का कार्य है।

Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद) 
 
13. संकल्प शक्ति से तुम हथेली पर हिमालय उठा सकते हो।
–  (स्वामी विवेकानंद) 
 
14. छींटाकशी शत्रुता की जननी है।
Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद) 
 
15. जग में सारी मानव जाति के लिए प्रेम – भाव व परम सहिष्णता पैदा होना ही साधुता की सच्ची कसोटी है।
–  (स्वामी विवेकानंद)
 

16. दयाशील का अंतःकरण प्रत्यक्ष स्वर्ग है ।

Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद)
 

17. दुख का कारण ज्ञान है और कुछ भी नहीं।

–  (स्वामी विवेकानंद) 

18. मन की दुर्बलता से भयंकर  और कोई पाप नहीं।
Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद)
 

19. अपवित्र कल्पना भी उतनी ही बुरी होती है , जितना बुरा अपवित्र कर्म होता है।

–  (स्वामी विवेकानंद) 
 
20. यह संसार कायर पुरुषों के लिए नहीं है , पलायन का प्रयास मत करो।
–  (स्वामी विवेकानंद)
 

21. लोभ से बुद्धि नष्ट होती है , बुद्धि नष्ट होने से लज्जा  , लज्जा नष्ट होने धर्म  और धर्म नष्ट होने से धन व सुख नष्ट हो जाता है।

Swami Vivekananda (स्वामी विवेकानंद)
 


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